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संसद की वित्तीय समितियां कौन कौन सी होती है | which are Financial Committees of Parliament

 

संसद की वित्तीय समितियां

भारतीय संसद का बहुत सा काम सभा की समितियों द्वारा निपटाया जाता है, जिन्‍हें संसदीय समितियां कहते हैं. संसदीय समिति से तात्‍पर्य उस समिति से है, जो सभा द्वारा नियुक्‍त या निर्वाचित की जाती है अथवा अध्‍यक्ष द्वारा नाम-निर्देशित की जाती है और अध्‍यक्ष के निदेशानुसार कार्य करती है और अपना प्रतिवेदन सभा को या अध्‍यक्ष को प्रस्‍तुत करती है. समिति का सचिवालय लोक सभा सचिवालय द्वारा उपलब्‍ध कराया जाता है.

1. प्राक्कलन समिति
a. इस समिति में लोक सभा के 30 सदस्य होते हैं. इसमें राज्य सभा के सदस्यों को शामिल नहीं किया जाता है.
b. समिति के सदस्यों का चुनाव प्रत्येक वर्ष आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार अकाल संक्रमणीय मत के माध्यम से किया जाता है.
c. इसके सदस्यों का कार्यकाल 1 वर्ष का होता है.
d. यह समिति सरकारी खर्च में कैसे कमी लाई जाए, संगठन में कैसे कुशलता लाई जाए, तथा प्रशासन में कैसे सुधर किए जाएं आदि विषयों पर  रिपोर्ट देती है.
e. प्राक्कलन समिति के प्रतिवेतन पर सदन में बहस नहीं होती है, परन्तु यह समिति अपना कार्य वर्ष भर करती है और अपना दृष्टिकोण सदन के समक्ष रखती है.

2. लोक लेख समिति
a. प्राक्क्लन समिति की 'जुड़वा बहन' के रूप में ज्ञात इस समिति में 22 सदस्य होते हैं जिसमें 15 सदस्य लोक सभा द्वारा तथा 7 सदस्य राज्य सभा द्वारा एक वर्ष के लिए निर्वाचित किए जाते हैं.
b. 1967 से स्थापित प्रथा के अनुसार इस समिति के अध्यक्ष के रूप में विपक्ष के किसी सदस्य को नियुक्त किया जाता है.
c. लोक सभा समिति में राज्य सभा के सदस्यों को सह सदस्य माना जाता है तथा उन्हें मत देने का अधिकार प्राप्त नहीं है.

लोक लेखा समिति का मुख्य कार्य
(a)
 यह समिति भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा दिया गया लेख परीक्षण संबंधी प्रतिवेदनों की जांच करती है.
(b) भारत सरकार के व्यय के लिए सदन द्वारा प्रदान की गई राशियों का विनियोग दर्शाने वाली लेखों की जांच करना.
(c) संसद द्वारा प्रदान की गई धनराशि के अतिरिक्त व्यय किया गया हो, तो समिति उन परिस्थितियों की जांच  करती है, जिसके कारण अतिरिक्त व्यय करना पड़ा.
(d) समिति राष्ट्रपति के वित्तीय मामलों के संचालन में अप-व्यय, भ्रष्टाचार, अकुशलता में कमी के किसी प्रमाण को खोज सकती है.

3. सरकारी उपक्रमों की समिति
a. इस समिति में 16 सदस्य होते हैं, जिनमें से 10 लोक सभा तथा 5 राज्य सभा द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व की अकाल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं.
b. समिति का अध्यक्ष लोक सभा-अध्यक्ष द्वारा नामजद किया जाता है.
c. इस समिति की निम्न कार्य हैं:
(i) सरकारी उपक्रमों के प्रतिवेदनों और लेखाओं की और उन पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदनों की जांच करना.
(ii) ऐसे विषयों की जांच करना, जो सदन या अध्यक्ष द्वारा निर्दिष्ट किए जाएं

4. कुछ अन्य मुख्य समितियां
a. कार्य मंत्रणा समिति: लोक सभा की कार्य मंत्रणा समिति में अध्यक्ष सहित 15 सदस्य होते हैं. लोक सभा का अध्यक्ष इसका पदेन अध्यक्ष होता है. राज्य सभा की कार्यमंत्रणा समिति में इसकी सभा का सभापति इसका पढ़ें सभापति होता है.
b. गैरसरकारी सदस्यों के विधेयकों तथा संकल्पों संबंधी समिति: इसका गठन लोक सभा में किया जाता है. इस समिति में 15 सदस्य होते हैं. लोक सभा का उपाध्यक्ष इस समिति का अध्यक्ष होता है.
c. नियम समिति: लोक सभा की नियम समिति में लोक सभा अध्यक्ष सहित 15 सदस्य होते हैं, जबकि राज्य सभा की नियम समिति में सभापति एवं उपसभापति साहित 16 सदस्य होते हैं. लोक सभा अध्यक्ष एवं राज्य सभा के सभापति अपने-अपने सदन की समितियों के पदेन अध्यक्ष होते हैं.

5. अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियों की कल्याण संबंधी समिति: इसमें 30 सदस्य शामिल किए जाते हैं. इसमें 20 लोक सभा तथा 10 राज्य सबह के सदस्य होते हैं.

6. ग्रंथालय समिति: इसमें 9 सदस्य होते हैं, लोक सभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत 6 लोक सभा सदस्य तथा राज्य सभा के सभापति द्वारा मनोनीत 3 सदस्य शामिल किए जाते हैं. इस समिति का गठन प्रत्येक वर्ष किया जाता है.

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  राजनीति विज्ञान के 100 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 1. दार्शनिक राजा का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था ? उत्तर. प्लेटो ने। 2. संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव हैं ? उत्तर. एंटोनियो गुटेरेश है जो पुर्तगाल के हैं, जिन्होने 1 जनवरी 2017 को अपना कार्यकाल सँभाला 3. श्रेणी समाजवाद का संबंध निम्नलिखित में से किस देश से रहा है ? उत्तर. बिर्टेन से। 4. राज्य की उत्पत्ति का दैवीय सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था ? उत्तर. जेम्स प्रथम ने 5. मुख्य सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है? उत्तर. राष्ट्रपति 6. संसद का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी की न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए? उत्तर. 25 वर्ष 7. भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा प्रस्तावना में दो शब्द ‘समाजवादी’ और धर्मनिरपेक्ष जोड़े गए थे? उत्तर. 42वें 8. भारतीय संविधान के कौनसे भाग में नीति निदेशक तत्वों का वर्णन है ? उत्तर. चतुर्थ। 9. जस्टिस शब्द जस से निकला है जस का संबंध किस भाषा से है ? उत्तर. लैटिन 10. पंचायत समिति का गठन होता है? उत्तर. प्रखंड स्तर पर 11. “मेरे पास खून, पसीना और आँसू के अतिरिक्त देने के लिए कुछ भी नहीं है ” यह किस...

केन्द्र-राज्य सम्बन्ध और अंतर्राज्य परिषद | Center-State Relations and Inter-State Council

  केन्द्र-राज्य सम्बन्ध और अंतर्राज्य परिषद केन्द्र-राज्य सम्बन्ध- सांविधानिक प्रावधान अनुच्छेद 246:- संसद को सातवीं अनुसूची की सूची 1 में प्रगणित विषयों पर विधि बनाने की शक्ति। अनुच्छेद 248:- अवशिष्ट शक्तियां संसद के पास अनुच्छेद 249:-राज्य सूची के विषय के सम्बन्ध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की शक्ति संसद के पास अनुच्छेद 250:- यदि आपातकाल की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची के विषय के सम्बन्ध में विधि बनाने की संसद की शक्ति अनुच्छेद 252:- दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति अनुच्छेद 257:- संघ की कार्यपालिका किसी राज्य को निदेश दे सकती है अनुच्छेद 257 क:- संघ के सशस्त्र बलों या अन्य बलों के अभिनियोजन द्वारा राज्यों की सहायता अनुच्छेद 263:- अन्तर्राज्य परिषद का प्रावधान भारत के संविधान ने केन्द्र-राज्य सम्बन्ध के बीच शक्तियों के वितरण की निश्चित और सुस्पष्ट योजना अपनायी है। संविधान के आधार पर संघ तथा राज्यों के सम्बन्धों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है: 1. केन्द्र तथा राज्यों के बीच विधायी सम्बन्ध। 2. केन्द्र तथा राज्यों के बीच प्र...

भारतीय संविधान सभा तथा संविधान निर्माण |Indian Constituent Assembly and Constitution making

  भारतीय संविधान सभा तथा संविधान निर्माण |Indian Constituent Assembly and Constitution making संविधान निर्माण की सर्वप्रथम मांग बाल गंगाधर तिलक द्वारा 1895 में "स्वराज विधेयक" द्वारा की गई। 1916 में होमरूल लीग आन्दोलन चलाया गया।जिसमें घरेलू शासन सचांलन की मांग अग्रेजो से की गई। 1922 में गांधी जी ने संविधान सभा और संविधान निर्माण की मांग प्रबलतम तरीके से की और कहा- कि जब भी भारत को स्वाधीनता मिलेगी भारतीय संविधान का निर्माण -भारतीय लोगों की इच्छाओं के अनुकुल किया जाएगा। अगस्त 1928 में नेहरू रिपोर्ट बनाई गई। जिसकी अध्यक्षता पं. मोतीलाल नेहरू ने की। इसका निर्माण बम्बई में किया गया। इसके अन्तर्गत ब्रिटीश भारत का पहला लिखित संविधान बनाया गया। जिसमें मौलिक अधिकारों अल्पसंख्यकों के अधिकारों तथा अखिल भारतीय संघ एवम् डोमिनियम स्टेट के प्रावधान रखे गए। इसका सबसे प्रबलतम विरोध मुस्लिम लीग और रियासतों के राजाओं द्वारा किया गया। 1929 में जवाहर लाला नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस का लाहौर सम्मेलन हुआ। जिसमें पूर्ण स्वराज्य की मांग की गई। 1936 में कांग्रेस का फैजलपुर सम्मेलन आयोजित किया गय...

गांधी की जीवनी एवं विचार/गांधीवाद (Gandhism)/ आधुनिक भारतीय विचारक /Biography and Thoughts of Mahatama Gandhi

 गांधीवाद (Gandhism)/ आधुनिक भारतीय विचारक /Deep study on Mahatama Gandhi गांधीवाद (Gandhism) बीसवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में भारतीय राजनीतिक आन्दोलन में एक ऐसे व्यक्ति का प्रवेश हुआ जिसने पूरी भारतीय राजनीति को अपनी छवि से ढक लिया। यदि कहा जाए कि सम्पूर्ण भारतीय जनता को एक सूत्र में बाँधने का श्रेय गांधी जी को जाता है तो यह अतिश्योक्ति न होगी। गांधी एक ऐसे विचारक हैं जिन्होंने स्वयं अपने दर्शन का निर्माण नहीं किया, बल्कि पूर्व के दार्शनिक विचारों को अपने जीवन के व्यवहार में लाने का प्रयत्न किया। वह स्वयं कहा करते थे कि मैं किसी नवीन विचारधारा का प्रतिपादन नहीं कर रहा हूँ अपितु जो कुछ अच्छा है उसे में भारत की परिस्थिति के अनुसार व्यवहार में लाना चाहता हूँ सत्य और अहिंसा के विचार उतने ही पुराने हैं जितनी पुरानी पहाड़ियाँ हैं। श्री पटाभिसीता रमेया ने लिखा है कि "सिद्धान्तों का, मतों का, नियमों का, विनियमों का और प्रदेशों का समूह नहीं है प्रत्युत वह एक जीवन शैली या जीवन दर्शन है। यह शैली एक नई दिशा की ओर संकेत रकती है अथवा मनुष्य जीवन की समस्याओं के विषय में पुरानी दशा की पुनः स्था...

विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी एवं विचार/Biography and Thoughts of Vinayak Damodar Savarkar

   विनायक दामोदर सावरकर/Vinayak Damodar Savarkar विनायक दामोदर सावरकर विनायक दामोदर सावरकर का जन्म महाराष्ट्र (आधुनिक मुम्बई) प्रान्त के नासिक के निकट भागुर गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम दामोदर पन्त सावरकर एवं माता का नाम राधाबाई था। विनायक दामोदर सावरकर की पारिवारिक स्थिति आर्थिक क्षेत्र में ठीक नहीं थी। सावरकर ने पुणे से ही अपनी क्रान्तिकारी प्रवृत्ति की झलक दिखानी शुरू कर दी थी जिसमें 1908 ई. में स्थापित अभिनवभारत एक क्रान्तिकारी संगठन था। लन्दन में भी ये कई शिखर नेताओं (जिनमें लाला हरदयाल) से मिले और ब्रिटिश विरोधी गतिविधियों का संचालन करते रहे। सावरकर की इन्हीं गतिविधियों से रुष्ट होकर ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें दो बार 24 दिसम्बर, 1910 को और 31 जनवरी, 1911 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई जो विश्व के इतिहास की पहली एवं अनोखी सजा थी। विनायक दामोदर द्वारा लिखित पुस्तकें (1) माई ट्रांसपोर्टेशन फॉर लाइफ (ii) हिन्दू-पद पादशाही (iii) हिन्दुत्व (iv) द बार ऑफ इण्डियन इण्डिपेण्डेन्स ऑफ 1851 सावरकर के ऊपर कलेक्टर जैक्सन की हत्या का आरोप लगाया गया जिसे नासिक षड्यंत्र केस में ना...