ग्राम्शी (Gramsci) ग्राम्शी (Gramsci) ग्राम्शी 20वीं सदी में परम्पराबादी मार्क्सवादी के विशिष्ट सिद्धान्तकार थे। लिनोवस्की के अनुसार लेनिन के बाद मार्क्सवादी विचारकों में ग्राम्शी सबसे स्वाभाविक क्रान्तिकारी तथा साम्यवादी सिद्धान्तकार कहे जा सकते है। ग्राम्शी ने 20वीं सदी के अन्य मार्क्सवादी सिद्धान्तकारों की तरह इस प्रश्न पर विचार किया पूँजीवादी का अन्त क्यों नहीं हो सका तथा पूंजीवाद किन कारकों से अग्रसरित होता रहा है। क्रोश प्रत्यक्षवाद के विरोधी थे तथा उन्होंने मार्क्स से भिन्न इतिहास के निर्धारण में व्यक्तिनिष्ठ कारकों की भूमिका को माना था। क्रोश प्रत्यक्षवाद के विरोधी थे तथा उन्होंने मार्क्स से भिन्न इतिहास के निर्धारण में व्यक्तिनिष्ठ कारकों की भूमिका को माना था। क्रोश के अनुसार इतिहास का अध्ययन मनुष्य की सभी गतिविधियों अर्थात् सामाजिक-सांस्कृतिक नैतिकता से सम्बन्धित अध्ययन के आधार पर ही किया जा सकता है। क्रोश के प्रभाव में ही ग्राम्शी ने नागरिक समाज तथा उसमें बुद्धिजीवी वर्ग की भूमिका को स्वीकारा है। ग्राम्शी ने मार्क्स के इस विचार का समर्थन किया कि राज्य में दमन शक्ति होती है
राजनीति विज्ञान के 100 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 1. दार्शनिक राजा का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था ? उत्तर. प्लेटो ने। 2. संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव हैं ? उत्तर. एंटोनियो गुटेरेश है जो पुर्तगाल के हैं, जिन्होने 1 जनवरी 2017 को अपना कार्यकाल सँभाला 3. श्रेणी समाजवाद का संबंध निम्नलिखित में से किस देश से रहा है ? उत्तर. बिर्टेन से। 4. राज्य की उत्पत्ति का दैवीय सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था ? उत्तर. जेम्स प्रथम ने 5. मुख्य सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है? उत्तर. राष्ट्रपति 6. संसद का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी की न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए? उत्तर. 25 वर्ष 7. भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा प्रस्तावना में दो शब्द ‘समाजवादी’ और धर्मनिरपेक्ष जोड़े गए थे? उत्तर. 42वें 8. भारतीय संविधान के कौनसे भाग में नीति निदेशक तत्वों का वर्णन है ? उत्तर. चतुर्थ। 9. जस्टिस शब्द जस से निकला है जस का संबंध किस भाषा से है ? उत्तर. लैटिन 10. पंचायत समिति का गठन होता है? उत्तर. प्रखंड स्तर पर 11. “मेरे पास खून, पसीना और आँसू के अतिरिक्त देने के लिए कुछ भी नहीं है ” यह किसने क