टी.एच. ग्रीन (T. H. Green) टी.एच. ग्रीन (T. H. Green) उदारवाद की मुख्य समस्या व्यक्ति के व्यक्तित्व तथा सामाजिक समुदाय में सामंजस्य लाने की रही है। जहाँ पहले उदारवादियों ने समाज की अपेक्षा व्यक्ति को अधिक महत्त्व दिया, वहाँ ग्रीन (1898) ने यह विचार प्रकट किया कि सामाजिक जीवन में महत्त्वपूर्ण भाग अदा करने से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास हो सकता है। उदारवाद ने पुराने सिद्धांत ने राज्य को कम-से-कम कानून बनाने की सलाह दी परंतु ग्रीन का यह मत था कि उदारवाद को इस संकुचित चार पर हमेशा के लिए खड़ा नहीं किया जा सकता। उदारवादी नीतियों को लचीला होना पड़ा ताकि वे समय की तयों का सामना कर सकें। यदि उदारवाद को सच्चा होना है तो उसका आधार नैतिक होना चाहिए। उनके अनुसार यादी दर्शन का केंद्र-बिंदु सामाजिक हित का विचार अर्थात् सार्वजनिक कल्याण है। राज्य द्वारा बनाए जाने वाले अनूनों का भी उसने यही मापदंड निर्धारित किया। सवतंत्रता की धारणा भी, ग्रीन के अनुसार, व्यक्तिगत धारणा के साथ-साथ एक सामाजिक धारणा है और यह उस समाज की गुणवत्ता (quality) और समाज में रहने वाले व्यक्तियों को गुणवत्ता दोनों की त
राजनीति विज्ञान के 100 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 1. दार्शनिक राजा का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था ? उत्तर. प्लेटो ने। 2. संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव हैं ? उत्तर. एंटोनियो गुटेरेश है जो पुर्तगाल के हैं, जिन्होने 1 जनवरी 2017 को अपना कार्यकाल सँभाला 3. श्रेणी समाजवाद का संबंध निम्नलिखित में से किस देश से रहा है ? उत्तर. बिर्टेन से। 4. राज्य की उत्पत्ति का दैवीय सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था ? उत्तर. जेम्स प्रथम ने 5. मुख्य सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है? उत्तर. राष्ट्रपति 6. संसद का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी की न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए? उत्तर. 25 वर्ष 7. भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा प्रस्तावना में दो शब्द ‘समाजवादी’ और धर्मनिरपेक्ष जोड़े गए थे? उत्तर. 42वें 8. भारतीय संविधान के कौनसे भाग में नीति निदेशक तत्वों का वर्णन है ? उत्तर. चतुर्थ। 9. जस्टिस शब्द जस से निकला है जस का संबंध किस भाषा से है ? उत्तर. लैटिन 10. पंचायत समिति का गठन होता है? उत्तर. प्रखंड स्तर पर 11. “मेरे पास खून, पसीना और आँसू के अतिरिक्त देने के लिए कुछ भी नहीं है ” यह किसने क