लेनिन (Lenin)/आधुनिक राजनीतिक विचारक लेनिन (Lenin) मार्क्सवाद के सिद्धांतों को सबसे पहले व्यवहारिक रूप देने का श्रेय सोवियत रूस की बोल्शेविक क्रांति (1917-1923) के कर्णधार लेनिन (1870-1924) को है। स्वयं लेनिन ने मार्क्स की नई व्याख्या देकर उसे व्यावहारिक दर्शन के रूप में परिणत कर दिया। मार्क्स ने अपना चिंतन उस दौर में प्रस्तुत किया था जब औद्योगिक क्रांति के बहुत बुरे प्रभाव दिखाई पड़ने लगे थे, और मजदूरों को अपनी दुर्दशा से उबरने की कोई आशा दिखाई नहीं देती थी। अतः उसे यह विश्वास हो गया था कि सर्वहारा अपने कष्टों से तब तक मुक्त नहीं हो सकते जब तक वे संगठित होकर संपूर्ण पूंजीवादी व्यवस्था को धराशायी नहीं कर देते। मार्क्स को यह आशा थी कि विश्व के सर्वहारा शीघ्र ही अपने सामान्य आर्थिक हित को समझकर संगठित हो जाएंगे और पूंजीपतियों के विरुद्ध क्रांति कर देंगे। लेनिन ने मार्क्स से प्रेरणा लेकर क्रांति का व्यावहारिक कार्यक्रम बनाया और उसे सायंक बनाने के लिए मार्क्सवाद की नई व्याख्या प्रस्तुत की। संक्षेप में, लेनिन ने मार्क्स की मान्यताओं में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन कर दिए जो निम्नलिखित हैं: क्र
राजनीति विज्ञान के 100 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 1. दार्शनिक राजा का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था ? उत्तर. प्लेटो ने। 2. संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव हैं ? उत्तर. एंटोनियो गुटेरेश है जो पुर्तगाल के हैं, जिन्होने 1 जनवरी 2017 को अपना कार्यकाल सँभाला 3. श्रेणी समाजवाद का संबंध निम्नलिखित में से किस देश से रहा है ? उत्तर. बिर्टेन से। 4. राज्य की उत्पत्ति का दैवीय सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था ? उत्तर. जेम्स प्रथम ने 5. मुख्य सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है? उत्तर. राष्ट्रपति 6. संसद का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी की न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए? उत्तर. 25 वर्ष 7. भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा प्रस्तावना में दो शब्द ‘समाजवादी’ और धर्मनिरपेक्ष जोड़े गए थे? उत्तर. 42वें 8. भारतीय संविधान के कौनसे भाग में नीति निदेशक तत्वों का वर्णन है ? उत्तर. चतुर्थ। 9. जस्टिस शब्द जस से निकला है जस का संबंध किस भाषा से है ? उत्तर. लैटिन 10. पंचायत समिति का गठन होता है? उत्तर. प्रखंड स्तर पर 11. “मेरे पास खून, पसीना और आँसू के अतिरिक्त देने के लिए कुछ भी नहीं है ” यह किसने क