हीगल की जीवनी एवं विचार (Biography and Thoughts of Hegel)/हीगल की रचनाएँ/विश्वात्मा पर विचार /विश्वात्मा पर विचार / जार्ज विल्हेम फ्रेड्रिक हेगेल
जार्ज विल्हेम फ्रेड्रिक हेगेल हीगल (Hegel) जर्मन आदर्शवादियों में होगल का नाम शीर्षस्य है। इनका पूरा नाम जार्ज विल्हेम फ्रेडरिक हीगल था। 1770 ई. में दक्षिण जर्मनी में बर्टमवर्ग में उसका जन्म हुआ और उसकी युवावस्था फ्रांसीसी क्रान्ति के तुफानी दौरे से बीती हींगल ने विवेक और ज्ञान को बहुत महत्त्व प्रदान किया। उसके दर्शन का महत्त्व दो ही बातों पर निर्भर करता है- (क) द्वन्द्वात्मक पद्धति, (ख) राज्य का आदर्शीकरण। हीगल की रचनाएँ लीगल की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं 1. फिनोमिनोलॉजी ऑफ स्पिरिट (1807) 2. साइन्स ऑफ लॉजिक (1816) 3. फिलॉसफी ऑफ लॉ या फिलॉसफी ऑफ राइट (1821) 4. कॉन्सटीट्शन ऑफ जर्मनी 5. फिलॉसफी ऑफ हिस्ट्री (1886) मृत्यु के बाद प्रकाशित विश्वात्मा पर विचार हीगल के अनुसार इतिहास विश्वात्मा की अभिव्यक्ति की कहानी है या इतिहास में घटित होने वाली सभी घटनाओं का सम्बन्ध विश्वात्मा के निरन्तर विकास के विभिन्न चरणों से है। विशुद्ध अद्वैतवादी विचारक हीगल सभी जड़ एवं चेतन वस्तुओं का उद्भव विश्वात्मा के रूप में देखता है वेदान्तियों के रूप में देखता है वेदान्तियों के 'तत्वमसि', 'अ