अरबिन्द घोष/Aurobindo Ghosh अरबिन्द घोष अरविन्द घोष को रोमा रोलां भारतीय दार्शनिकों में सम्राट एवं एशिया और यूरोप की प्रतिभा का समन्वया कहकर सम्बोधित किया। डॉ. फ्रेडरिक स्पजलबर्ग ने तो उन्हें 'हमारे युग का पैगम्बर तक कह डाला है। अरबिन्द घोष की रचनाओं से हमें भारत की नवीन तथा उदीयमान आत्मा का घनीभूत सार देखने को प्राप्त होता है। अरविन्द घोष प्रथम भारतीय राष्ट्रवादी थे जिन्होंने पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्ति को भारत के राष्ट्रीय एवं राजनीतिक संघर्ष का उद्देश्य माना था अरविन्द द्वारा दिया गया आध्यात्मिक राजनीति या राजनीति का आध्यात्मीकरण भारतीय चिन्तन को अनुपम देन है। अरबिन्द की रचनाएँ रामकृष्ण और विवेकानन्द के वेदान्तिक समन्वय का अरबिन्द पर विशेष प्रभाव पड़ा। अरविन्द ने निम्नलिखित ग्रन्थों की रचना की- (1) द लाइफ डिवाइन, (2) एसेज आन द गीता, (3) द सिन्थेसिस ऑफ योग, (4) सावित्री, (5) द ह्यूमन साइकल, (6) द आइडियल ऑफ ह्यूमन यूनिटी आदि । अरबिन्द के राजनीतिक दर्शन के आध्यात्मिक आधार अरविन्द ने एक राजनीतिक दार्शनिक के रूप में आध्यात्मिक नियतिवाद के सिद्धान्त को स्वीकार किया था। उनका मानना था
राजनीति विज्ञान के 100 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 1. दार्शनिक राजा का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था ? उत्तर. प्लेटो ने। 2. संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव हैं ? उत्तर. एंटोनियो गुटेरेश है जो पुर्तगाल के हैं, जिन्होने 1 जनवरी 2017 को अपना कार्यकाल सँभाला 3. श्रेणी समाजवाद का संबंध निम्नलिखित में से किस देश से रहा है ? उत्तर. बिर्टेन से। 4. राज्य की उत्पत्ति का दैवीय सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया था ? उत्तर. जेम्स प्रथम ने 5. मुख्य सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है? उत्तर. राष्ट्रपति 6. संसद का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी की न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए? उत्तर. 25 वर्ष 7. भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा प्रस्तावना में दो शब्द ‘समाजवादी’ और धर्मनिरपेक्ष जोड़े गए थे? उत्तर. 42वें 8. भारतीय संविधान के कौनसे भाग में नीति निदेशक तत्वों का वर्णन है ? उत्तर. चतुर्थ। 9. जस्टिस शब्द जस से निकला है जस का संबंध किस भाषा से है ? उत्तर. लैटिन 10. पंचायत समिति का गठन होता है? उत्तर. प्रखंड स्तर पर 11. “मेरे पास खून, पसीना और आँसू के अतिरिक्त देने के लिए कुछ भी नहीं है ” यह किसने क