
अनुच्छेद :- विवरण
1:- संघ का नाम और राज्य क्षेत्र2:- नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना2क:- [निरसन]3:- नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन4:- पहली अनुसूची और चौथी अनुसूचियों के संशोधन तथा अनुपूरक, और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियां5:- संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता6:- पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार7:- पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार8:- भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार9:- विदेशी राज्य की नागरिकता, स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना10:- नागरिकता के अधिकारों को बना रहना11:- संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना12:- परिभाषा13:- मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियां14:- विधि के समक्ष समानता15:- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध16:- लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता17:- अस्पृश्यता का अंत18:- उपाधियों का अंत19:- वाक-स्वतंत्रता आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण20:- अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण21:- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण22:- कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण23:- मानव और दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध24:- कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध25:- अंत:करण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता26:- धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता27:- किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता28:- कुल शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता29:- अल्पसंख्यक-वर्गों के हितों का संरक्षण30:- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गों का अधिकार31:- [निरसन]31क:- संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति31ख:- कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण31ग:- कुछ निदेशक तत्वों को प्रभाव करने वाली विधियों की व्यावृत्ति31घ:- [निरसन]32:- इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार32A:- [निरसन]33:- इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद की शक्ति34:- जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन35:- इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने का विधान36:- परिभाषा37:- इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना38:- राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा39:- समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता40:- ग्राम पंचायतों का संगठन41:- कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार42:- काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध43:- कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि43क:- उद्योगों के प्रबंध में कार्मकारों का भाग लेना44:- नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता45:- बालकों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबंध46:- पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य को सुधार करने का राज्य का कर्तव्य48:- कृषि और पशुपालन का संगठन48क:- पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा49:- राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण50:- कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण51:- अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि51A:- मूल कर्तव्य52:- भारत के राष्ट्रपति53:- संघ की कार्यपालिका शक्ति54:- राष्टप्रति का निर्वाचन55:- राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति56:- राष्ट्रपति की पदावधि57:- पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता58:- राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं59:- राष्टप्रति के पद के लिए शर्तें60:- राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान61:- राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रकिया62:- राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि63:- भारत का उप राष्ट्रपति64:- उप राष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना65:- राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उप राष्टप्रति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन66:- उप राष्ट्रपति का निर्वाचन67:- उप राष्ट्रपति की पदावधि68:- उप राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि69:- उप राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान70:- अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन71:- राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित या संसक्त विषयत72:- क्षमता आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति73:- संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार74:- राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद75:- मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध76:- भारत का महान्यायवादी77:- भारत सरकार के कार्य का संचालन78:- राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य79:- संसद का गठन80:- राज्य सभा की संरचना81:- लोक सभा की संरचना82:- प्रत्येक जनगणना के पश्चात पुन: समायोजन83:- संसद के सदनों की अवधि84:- संसद की सदस्यता के लिए अर्हता85:- संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन86:- सदनों के अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्टप्रति का अधिकार87:- राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण88:- सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्यायवादी के अधिकार89:- राज्य सभा का सभापति और उप सभापति90:- उप सभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना91:- सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उप सभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति92:- जब सभापति या उप सभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना93:- लोक सभा और अध्यक्ष और उपाध्यक्ष94:- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना95:- अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों को पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति96:- जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना97:- सभापति और उप सभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते98:- संसद का सचिवालय99:- सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान100:- सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति सदस्यों की निरर्हताएं101:- स्थानों का रिक्त होना102:- सदस्यता के लिए निरर्हताएं103:- सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय104:- अनुच्छेद 99 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति105:- संसद के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार आदि106:- सदस्यों के वेतन और भत्ते107:- विधेयकों के पुर: स्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपलबंध108:- कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक109:- धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया111:- विधेयकों पर अनुमति112 :-वार्षिक वित्तीय विवरण113:-संसद में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया114:- विनियोग विधेयक115:- अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान116:- लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान117:- वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध118:- प्रक्रिया के नियम119:- संसद में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन120:- संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा121:- संसद में चर्चा पर निर्बंधन122:- न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना123:- संसद के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राष्ट्रपति की शक्ति124 :-उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन125:- न्यायाधीशों के वेतन आदि126 :-कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति127:- तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति128:- उच्चतम न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति129:- उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना130:- उच्चतम न्यायालय का स्थान131:- उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता132:- कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों से अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता133:- उच्च न्यायालयों में सिविल विषयों से संबंधित अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता134क:- उच्चतम न्यायालय में अपील के लिए प्रमाणपत्र135:- विद्यमान विधि के अधीन फेडरल न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों का उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रयोक्तव्य होना136:- अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत137:- निर्णयों या आदेशों का उच्चतम न्यायालयों द्वारा पुनर्विलोकन138:- उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता की वृद्धि139:- कुछ रिट निकालने की शक्तियों का उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त किया जाना139क:- कुछ मामलों का अंतरण140:- उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तिया141:- उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर आबद्धकर होना142:- उच्चतम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश143:- उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति144:- सिविल और न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय144क:- [निरसन]145:- न्यायालय के नियम आदि146:- उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्यय147:- निर्वचन149:- नियंत्रक महा लेखापरीक्षक के कर्तव्य और शक्तियां150:- संघ के और राज्यों के लेखाओं का प्ररूप151:- संपरीक्षा प्रतिवेदन152:- परिभाषा153:- राज्यों के राज्यपाल154:- राज्य की कार्यपालिका शक्ति155:- राज्यपाल की नियुक्ति156:- राज्य की पदावधि157:- राज्यपाल के पद के लिए शर्तें158:- राज्यपाल के पद के लिए शर्तें160:- कुछ आकस्मिकताओं में राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन161:- क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति162:- राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार163:- राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि परिषद164:- मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध165:- राज्य का महाधिवक्ता166:- राज्य की सरकार के कार्य का संचालन167:- राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य168:- राज्यों के विधान - मंडलों का गठन169:- राज्यों में विधान परिषदों का उत्सादन या सृजन170:- विधान सभाओं की संरचना171:- विधान परिषदों की संरचना172:- राज्यों के विधान-मंडलों की अवधि173:- राज्य के विधान-मंडल की सदस्यता के लिए अर्हता174:- राज्य के विधान-मंडल के सत्र, सत्रावहसान और विघटन175:- सदन और सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्यपाल का अधिकार176:- राज्यपाल का विशेष अभिभाषण177:- सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार178:- विधान सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष179:- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना180:- अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शाक्ति181:- जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना182:- विधान परिषद का सभापति और उप सभापति183:- सभापति और उप सभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना184:- सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उप सभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति185:- जब सभापति या उप सभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन नहोना186:- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथ सभापति और उप सभापति के वेतन और भत्ते187:- राज्य के विधान मंडल का सचिवालय188:- सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान189:- सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति190:- स्थानों का रिक्त होना191:- सदस्यता के लिए निरर्हताएं192:- सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय193:- अनुच्छेद 188 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञा करने से पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति194:- विधान-मंडलों के सदनों की तथा सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषधिकार आदि195:- सदस्यों के वेतन और भत्ते196:- विधेयकों के पुर: स्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध197:- धन विधेयकों से भिन्न विधेयकों के बारे में विधान परिषद की शक्तियों पर निर्बंधन198:- धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया199:- "धन विधेयक" की परिभाषा200:- विधेयकों पर अनुमति201:- विचार के लिए आरक्षित विधेयक202:- वार्षिक वित्तीय विवरण203:- विधान-मंडल में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया204:- विनियोग विधेयक205:- अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान206:- लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान207:- वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध208:- प्रक्रिया के नियम209:- राज्य के विधान-मंडल में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन210 :-विधान मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा211 :-विधान-मंडल में चर्चा पर निर्बंधन212:- न्यायालयों द्वारा विधन मंडल की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना213:- विधान मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्याति करने की राज्यपाल की शक्ति214:- राज्यों के लिए उच्च न्यायालय215:- उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना216:- उच्च न्यायालयों का गठन217:- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें218:- उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों का लागू होना219:- उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान220:- स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात विधि-व्यवसाय पर निर्बंधन221:- न्यायाधीशों के वेतन आदि222:- किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण223:- कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति224:- अपर और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति224क:- उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति225:- विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता226:- कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति226क:- [निरसन]227:- सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति228:- कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण228क:- [निरसन]229:- उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय230:- उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्य क्षेत्रों पर विस्तार231:- दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना233:- जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति233क:- कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके द्वारा किए गए निर्णयों आदि का विधिमान्यकरण234:- न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की भर्ती235:- अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण236:- निर्वचन237:- कुछ वर्ग या वर्गों के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय के उपबंधों का लागू होना238:- [निरसन]239:- संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन239क:- कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान मंडलों या मंत्रि-परिषदों का या दोनों का सृजन239क :-दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध239कक:- सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध239कख:- विधान मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की प्रशासक की शक्ति240:- कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति241:- संघ राज्य क्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय242:- [निरसन]243:- परिभाषाएं243क:- ग्राम सभा243ख:- पंचायतों का गठन243ग:- पंचायतों की संरचना243घ:- स्थानों का आरक्षण243ड:- पंचायतों की अवधि, आदि243च:- सदस्यता के लिए निरर्हताएं243छ :-पंचायतों की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व243ज :-पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियां243-झ :-वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन243ञ:- पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा243ट:- पंचायतों के लिए निर्वाचन243ठ:- संघ राज्य क्षेत्रों को लागू होना243ड:- इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू नह होना243ढ:- विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना243-ण:- निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जनभ243त:- परिभाषाएं243थ:- नगरपालिकाओं का गठन243द:- नगरपालिकाओं की संरचना243ध:- वार्ड समितियों, आदि का गठन और संरचना243न:- स्थानों का आरक्षण243प :-नगरपालिकाओं की अवधि, आदि243फ:- सदस्यता के लिए निरर्हताएं243ब:- नगरपालिकाओं, आदि की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व243भ:- नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियां243म:- वित्त आयोग243य:- नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा243यक:- नगरपालिकाओं के लिए निर्वाचन243यख:- संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना243यग:- इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना243यघ:- जिला योजना के लिए समिति243यच:- विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहना243यछ:- निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन244:- अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन.244क:- असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान मंडल या मंत्रि परिषद का या दोनों का सृजन.245 :-संसद द्वारा राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्तार.246:- संसद द्वारा और राज्य के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषयवस्तु.247:- कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद की शक्ति.248:- अवशिष्ट विधायी शक्तियां.249:- राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद की शक्ति.250:- यदि आपात की उदघोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि.251:- संसद द्वारा अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति.252:- दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना.253:- अंतरराष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान.254:- संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति.255:- सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना.256:- राज्यों की ओर संघ की बाध्यता.257 :-कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण.257क:- [निरसन]258:- कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति.258क:- संघ को कृत्य सौंपने की राज्यों की शक्ति.259:- [निरसन]260:- भारत के बाहर के राज्य क्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता.261:- सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियां.262:- अंतरराज्यिक नदियों या नदी दूनों के जल संबंधी विवादों का न्यायनिर्णयन.राज्यों के बीच समन्वय अनुच्छेद विवरण263:- अंतरराज्य परिषद के संबंध में उपबंध.264:- विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना.265:- विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना.266:- भारत और राज्यों के संचित निधियां और लोक लेखे.267:- आकस्मिकता निधि.268:- संघ द्वारा उदगृहीत किए जाने वाले किन्तु राज्यों द्वारा संगृहीत और विनियोजित किए जाने वाले शुल्क.269:- संघ द्वारा उदगृहीत और संगृहीत किन्तु राज्यों को सौंपे जाने वाले कर.270:- उदगृहीत कर और उनका संघ तथा राज्यों के बीच वितरण.271:- कुछ शुल्कों और करों पर संघ के प्रयोजनों के लिए अधिभार.272:- [निरसन]273:- जूट पर और जूट उत्पादों का निर्यात शुल्क के स्थान पर अनुदान.274:- ऐसे कराधान पर जिसमें राज्य हितबद्ध है, प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा.275:- कुछ राज्यों को संघ अनुदान.276:- वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर.277:- व्यावृत्ति.278:- [निरसन]279:- "शुद्ध आगम", आदि की गणना.280:- वित्त आयोग.281:- वित्त आयोग की सिफारिशें.282:- संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व के लिए जाने वाले व्यय.283:- संचित निधियों, आकस्मिकता निधियों और लोक लेखाओं में जमा धनराशियों की अभिरक्षा आदि.284:- लोक सेवकों और न्यायालयों द्वारा प्राप्त वादकर्ताओं की जमा राशियों और अन्य धनराशियों की अभिरक्षा.285:- संघ और संपत्ति को राजय के कराधान से छूट.286:- माल के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बंधन.288:- जल या विद्युत के संबंध में राज्यों द्वारा कराधान से कुछ दशाओं में छूट.289:- राज्यों की संपत्ति और आय को संघ और कराधार से छूट.290:- कुछ व्ययों और पेंशनों के संबंध में समायोजन.290क:- कुछ देवस्वम निधियों की वार्षिक संदाय.291:- [निरसन]292:- भारत सरकार द्वारा उधार लेना.293:- राज्यों द्वारा उधार लेना.294:- कुछ दशाओं में संपत्ति, अास्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार.295:- अन्य दशाओं में संपत्ति, अास्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार.296:- राजगामी या व्यपगत या स्वामीविहीन होने से प्रोदभूत संपत्ति.297:- राज्य क्षेत्रीय सागर खण्ड या महाद्वीपीय मग्नतट भूमि में स्थित मूल्यवान चीजों और अनन्य आर्थिक क्षेत्र संपत्ति स्रोतों का संघ में निहित होना.298:- व्यापार करने आदि की शक्ति.299:- संविदाएं.300:- वाद और कार्यवाहियां.300क:- विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना.301:- व्यापार, वाणज्यि और समागम की स्वतंत्रता.302:- व्यापार, वाणज्यि और समागम पर निर्बंधन अधिरोपित करने की संसद की शक्ति.303:- व्यापार और वाणिज्य के संबंध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों पर निर्बंधन.304:- राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन.305:- विद्यमान विधियों और राज्य के एकाधिकार का उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति.306:- [निरसन]307:- अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति.308:- निर्वचन.309:- संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें.311:- संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना.312:- अखिल भारतीय सेवाएं.313:- संक्रमण कालीन उपबंध.314:- [निरसन]315:- संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग.316:- सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि.318:- आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति.319:- आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के सबंध में प्रतिषेध.320:- लोक सेवा आयोगों के कृत्य.321:- लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति.322:- लोक सेवा आयोगों के व्यय.323:- लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन.323क:- प्रशासनिक अधिकरण.323ख:- अन्य विषयों के लिए अधिकरण.324:- निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना.325:- धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचक नामावली में सम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचक-नामावली में सम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना.326:- लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचनों का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना.327:- विधान मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति.328:- किसी राज्य के विधान मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की उस विधान मंडल की शक्ति.329:- निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन.329क:- [निरसन]330:- लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण.331:- लोक सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व.332:- राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण.333:- राज्यों की विधान सभाओं में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व.334:- स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का साठ वर्ष के पश्चात न रहना.335:- सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे.336:- कुछ सेवाओं में आंग्ल भारतीय समुदाय के लिए विशेष उपबंध.337:- आंग्ल भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षिक अनुदान के लिए विशेष उपबंध.338:- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग.338क:- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग.339:- अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण.340:- पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति.341:- अनुसूचित जातियां.342:- अनुसूचित जनजातियां.343:- संघ की राजभाषा.344:- राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति345:- राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं.346:- एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा.347:- एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा.348:- उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा.349:- भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया.350:- व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा.350क:- प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं.350ख:- भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी.351:- हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश.352:- आपात की उदघोषणा.353:- आपात की उदघोषणा का प्रभाव.354:- जब आपात की उदघोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना.355:- बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य356:- राज्यों सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध.357:- अनुच्छेद 356 के अधीन की गई उदघोषणा के अधीन विधायी शाक्तियों का प्रयोग.358:- आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबंधों का निलंबन.359:- आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलबंन.359क:- [निरसन]360:- वित्तीय आपात के बारे में उपबंध.361:- राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण.361क:- संसद और राज्यों के विधान मंडलों की कार्यवाहियों की प्रकाशन का संरक्षण.361ख:- लाभप्रद राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हता.363क:- देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की समाप्ति और निजी थौलियों का अंत.364:- महापत्तनों और विमानक्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध.365:- संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव.366:- परिभाषाएं.367:- निर्वचन.368:- संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया.369:- राज्य सूची के कुछ विषयों के सबंध में विधि बनाने की संसद की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों.370:- जम्मू और कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध.371:- महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध.371क:- नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.371ख:- असम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.371ग:- मणिपुर राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.371घ:- आंध्र प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.371ड:- आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना.371च:- सिक्किम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.371छ:- मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.371-झ:- गोवा राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.372:- विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन.372क:- विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति.373:- निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के संबंध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शाक्ति.374:- फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों और फेडरल न्यायालय में या सपरिषद हिज मेजेस्टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबंध.375:- संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कृत्य करते रहना.376:- उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध.377:- भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध.378:- लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध.378क:- आंध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबंध.379-391:- [निरसन]392 :-कठिनाइयों को दूर करने की राष्ष्ट्रपति की शक्ति.393:- संक्षिप्त नाम.394:- प्रारंभ.394क :-हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठ395 :- निरसन.
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