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रॉल्स की जीवनी एवं विचार (Biography and Thoughts of Rawls)/आधुनिक राजनीतिक विचारक

रॉल्स (Rawls)/आधुनिक राजनीतिक विचारक

रॉल्स (Rawls)

समकालीन उदारवादी चिन्तन के अन्तर्गत प्रगति बनाम न्याय (Progress Vs Justice) के विवाद में हेयक ने प्रगति का पक्ष लेते हुए न्याय की अवहेलना की है। इसके विपरीत राल्स ने अपनी विख्यात कृति "ए थ्योरी ऑफ जस्ट्सि (A Theory of Justice 1971) के अन्तर्गत यह तर्क दिया है कि उत्तम समाज में अनेक सद्गुण (Virtues) आवश्यक होते हैं। उनमें न्याय का स्थान सर्वप्रथम है। न्याय सभ्य व उत्तम समाज की आवश्यक शर्त है परन्तु यह उसके लिए पर्याप्त नहीं है किसी समाज में न्याय के अलावा दूसरे नैति गुणों की प्रधान हो सकती है, परन्तु अन्यायपूर्ण समाज विशेष रूप से निन्दनीय होगा। जो विचारक यह मांग करते हैं कि सामाजिक उन्नति के कार्यक्रम में न्याय के विचार को आगे नहीं आने देना चाहिए, ये समाज को नैतिक पतन की ओर ले जाने का खतरा मोल ले रहे होते हैं।

रॉल्स के अनुसार न्याय की समस्या प्राथमिक वस्तुओं (Primary Goods) के अन्यायपूर्ण वितरण की समस्या है। वे प्राथमिक वस्तुएँ हैं अधिकार और स्वतंत्रताएँ शक्तियों एवं अवसर, आप और समपदा तथा आत्मसम्मान के साधन रॉल्स ने अपने न्याय सिद्धान्त को शुद्ध प्रक्रियात्मक (Pure Procedural Justice) की संज्ञा दी है। इसका अर्थ यह है कि न्याय के जो सिद्धान्त सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिए जाएंगे उनके प्रयोग के फलस्वरूप जो भी वितरण व्यवस्था अस्तित्व में आएगी, यह अनिवार्यतः न्यायपूर्ण होगी। रॉल्स ने उन सिद्धान्तों की कटु आलोचना की है जो व्यक्ति की नैतिक मूल्यवत्ता की अपेक्षा करते हुए किसी पूर्वनिर्धारित लक्ष्य की पूर्ति करना चाहते हैं।

न्याय की सर्वसम्मति प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए राल्स ने एक विशेष तर्क-प्रणाली का सहारा लिया है। सामाजिक अनुबन्ध (Social Contract) की तर्क प्रणाली का अनुसरण करते हुए राल्स ने ऐसी मूल स्थिति (Original Position) की कल्पना की है जिसमें पृथक्-पृथक् व्यक्ति विवेकशीलकर्ता (Rational Agent) की हैसियत से "अज्ञात पर्दे के पीछे बैठे है अर्थात् वे अपनी-अपनी आवश्यकताओं, हितों, निपुणताओं (Skills) योग्यताओं, इत्यादि से बिल्कुल बेखबर है और यह भी नहीं जानते कि समाज में कौन-कौन सी बातें संघर्ष पैदा करती हैं? मनुष्य अपने-अपने लिए प्राथमिक वस्तुओं की अधिकतम वृद्धि का तरीका ढूँढ़ना चाहते हैं परन्तु इसके लिए जोखिम उठाने या जुआ खेलने को तैयार नहीं है। राल्स के अनुसार, ऐसी अनिश्चितता की हालत में मनुष्य सबसे कम खतरनाक रास्ता चुनेंगे। प्रत्येक मनुष्य अपनी हीनतम स्थिति (The Least Advantaged Position) में अधिकतम लाभ (Greatest Benefit) की व्यवस्था की माँग करेगा। इस तर्क प्रणाली के अनुसार न्याय के तीन नियम इसी क्रम से स्वीकार किए जाएंगे। (1) समान स्वतंत्रता का नियम (Principle of Equal Liberty) अर्थात् व्यक्ति की स्वतन्त्रता को किसी अन्य के लाभ पर कुर्बान नहीं किया जा सकता इसमें राजनीतिक सहभागिता (Political Paritcipation) का समान अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता (Freedom of Expression), धार्मिक स्वतन्त्रता (Religious Liberty) कानून के समक्ष समानता आदि सम्मिलित है (2) अवसर की उचित समानता का नियम (Principle of Fair Equality of Opporunity) और (3) भेदमूलक नियम (Difference Principle) इसके अनुसार "प्रारम्भिक वस्तुओं" के समान वितरण में किसी भी तरह की छूट को तभी उचित ठहराया जा सकता है जब यह सिद्ध किया जा सके कि इससे सीनतम स्थिति वाले मनुष्यों को अधिकतम लाभ होगा।

रॉल्स के मुख्य सिद्धान्त की विशेषता यह है कि उसने सीधे-सीधे बाजार-बाजार अर्थ व्यवस्था को प्रक्रियात्मक न्याय का प्रतिरूप (Model) वही मान लिया है जैसा कि हेयक, फ्रीमैन तथा नॉजिक ने किया है। रॉल्स ने प्रक्रियात्मक न्याय को सामाजिक न्याय का उपकरण बनाने का प्रयत्न किया है। उसने यह व्यवस्था की है कि विशेष प्रतिभाशाली लोग विशेष पुरस्कार के हकदार तभी माने जाएंगे जब वे अपनी प्रतिभा का प्रयोग हीनतम लोगों के कल्याण के लिए करने को तैयार होंगे।