प्लेटो/Plato/ प्राचीन यूनानी राजनीतिक विचार /ancient greek political thought/ प्राचीन यूनानी राजनीतिक विचार प्लेटो प्लेटो का जन्म एथेन्स के समीपवर्ती इजिना (Aegina) नामक द्वीप में हुआ था। उनका परिवार सामन्त था। उनके पिता अरिस्ट्रोन तथा उनकी माता पेरिक्टोन इतिहास प्रसिद्ध कुलीन नागरिक थे। बाल्यावस्था में ही उनके पिता की मृत्यु हो गयी, अतः प्लेटो का पालन-पोषण उनके सौतेले पिता पादरी लेम्पीज ने किया। सर्वप्रथम उन्होंने संगीत, कविता, चित्रकला आदि का अध्ययन किया 404 ई. पू. ये सुकरात के शिष्य बने तथा संकरात के जीवन के अन्तिम क्षण तक उनके शिष्य बने रहे सुकरात की मृत्यु के बाद प्रजातन्त्र के प्रति इन्हें घृणा हो गयी। इन्होंने मेगारा, मिस्र, साएरी, इटली और सिसली आदि देशों की यात्रा की तथा अन्त में एथेन्स लौटकर अकादमी (Academy) की स्थापना की और अन्त तक इसके प्रधान आचार्य बने रहे। ई.पू. 345 में इनका देहान्त हो गया तथा सॉफिस्ट लोगों के अनुसार सुख ही सद्गुण है। सर्वप्रथम प्लेटो इसकी आलोचना करते हैं। जिस प्रकार सत्य तथा ज्ञान को इन्द्रिय-जन्य मानने से सत्य आत्मगत हो जाता है उसी प्रकार सद्गुण को सु
हीगल की जीवनी एवं विचार (Biography and Thoughts of Hegel)/हीगल की रचनाएँ/विश्वात्मा पर विचार /विश्वात्मा पर विचार / जार्ज विल्हेम फ्रेड्रिक हेगेल
जार्ज विल्हेम फ्रेड्रिक हेगेल हीगल (Hegel) जर्मन आदर्शवादियों में होगल का नाम शीर्षस्य है। इनका पूरा नाम जार्ज विल्हेम फ्रेडरिक हीगल था। 1770 ई. में दक्षिण जर्मनी में बर्टमवर्ग में उसका जन्म हुआ और उसकी युवावस्था फ्रांसीसी क्रान्ति के तुफानी दौरे से बीती हींगल ने विवेक और ज्ञान को बहुत महत्त्व प्रदान किया। उसके दर्शन का महत्त्व दो ही बातों पर निर्भर करता है- (क) द्वन्द्वात्मक पद्धति, (ख) राज्य का आदर्शीकरण। हीगल की रचनाएँ लीगल की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं 1. फिनोमिनोलॉजी ऑफ स्पिरिट (1807) 2. साइन्स ऑफ लॉजिक (1816) 3. फिलॉसफी ऑफ लॉ या फिलॉसफी ऑफ राइट (1821) 4. कॉन्सटीट्शन ऑफ जर्मनी 5. फिलॉसफी ऑफ हिस्ट्री (1886) मृत्यु के बाद प्रकाशित विश्वात्मा पर विचार हीगल के अनुसार इतिहास विश्वात्मा की अभिव्यक्ति की कहानी है या इतिहास में घटित होने वाली सभी घटनाओं का सम्बन्ध विश्वात्मा के निरन्तर विकास के विभिन्न चरणों से है। विशुद्ध अद्वैतवादी विचारक हीगल सभी जड़ एवं चेतन वस्तुओं का उद्भव विश्वात्मा के रूप में देखता है वेदान्तियों के रूप में देखता है वेदान्तियों के 'तत्वमसि', 'अ